दिल्ली में मानसून से पहले खतरे के संकेत, नालों की सफाई अधूरी, सीएम ने जताई चिंता
नई दिल्ली: रेखा सरकार ने मानसून की तैयारी काे लेकर एक बैठक की, जहां रूपरेखा तय करने के लिए मंथन किया गया।
पूर्व के अनुभव के आधार पर देखें तो दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव रोकने की चुनौती हैं। जलभराव के नए-नए हॉट स्पाट बन गए हैं।
मानसून का वक्त नजदीक आता जा रहा है, लेकिन अभी तक बरसाती नालों की सफाई पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में संबंधित एजेंसियों पर का तनाव और दबाव बढ़ रहा है।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार मानसून के दौरान सभी विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयारी कर रही है।
पिछली सरकारों ने ध्यान दिया होता तो न होते ये हालात: सीएम
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने अगर इस ओर ध्यान दिया होता तो आज ये हालत नहीं होती. दो साल पहले दिल्ली में बाढ़ आई लेकिन सरकार की नाकामी के चलते बैराज के गेट तक नहीं खुले।
उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है, नालों से गाद निकालने का काम चल रहा है, बैराज के गेट खोले जा सकेंगे।
उन्होंने कहा बेहतर तैयारी और बेहतर काम चल रहा है, बारिश के दौरान जलभराव न हो, इसके लिए एक्स्ट्रा स्टाफ और पंप लगाए गए हैं।
सरकार ने 15 जून तक नालों की सफाई पूरा करने का लक्ष्य रखा
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आईएंडएफसी) के पास 77 बड़े नालों की सफाई की जिम्मेदारी है। विभाग का दावा है कि 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। विभाग ने यमुना के जलस्तर की निगरानी की तैयारी भी पूरी कर ली है।
नियंत्रण कक्ष से 77 बड़े नालों और यमुना नदी के जलस्तर की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। 15 जून से पुलिस, एसडीएम और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी यहीं से समन्वय स्थापित करेंगे, जिससे कि कोई चूक न हो।
नालों की सफाई की जानकारी रोज अपडेट करने का आदेश
सरकार ने नाले की सफाई की जानकारी प्रतिदिन नियंत्रण कक्ष में अपडेट करने का निर्देश दिया। कहा, रियल टाइम माॅनीटरिंग प्लेटफार्म और अलर्ट सिस्टम को सक्रिय कर दिया गया है, जिससे कि वर्षा के दौरान किसी भी स्थिति से त्वरित और प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।