बड़ी खबर: पचमढ़ी में नंदी बैल के साथ क्रूरता, जिम्मेदारों पर सवाल

मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पचमढ़ी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कुछ शरारतियों ने नंदी बैल के ऊपर लगे दो सिंह  में एक को तोड़ दिए और उसे गहरे जख्म पहुंचाए। यह घटना एक दिन पहले की है, और अब नंदी बैल इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहा है। नंदी का स्वभाव अत्यंत सरल और शांतिपूर्ण है, और वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। जख्मों के बावजूद वह लोगों के पास जा रहा है, और लोग उसके जख्मों पर मरहम लगा रहे हैं।

यह घटना बेहद शर्मनाक है, खासकर तब जब हम सनातन धर्म में बैल और गाय को पूजा का दर्जा देते हैं। पचमढ़ी, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, अब एक ऐसे शर्मनाक कृत्य का केंद्र बन चुका है। यह सवाल उठाता है कि हम उन जिम्मेदार लोगों पर ध्यान कब देंगे, जो इस तरह की घटनाओं को रोकने में असफल हो रहे हैं।

पचमढ़ी में जनप्रतिनिधि, आरएसएस के प्रमुख और वरिष्ठ पदाधिकारी सक्रिय हैं, लेकिन इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं? इस घटना ने यह भी दिखाया है कि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण जरूरी है। नंदी बैल जैसे पवित्र पशु के साथ इस प्रकार की क्रूरता, न केवल एक अपराध है, बल्कि यह समाज की गिरती संवेदनशीलता और असंवेदनशीलता का भी प्रतीक है।

अंततः यह सबसे बड़ा सवाल है: इन पवित्र और निर्दोष पशुओं की देखभाल और सुरक्षा कौन करेगा? क्या हम अपने संस्कारों और जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेंगे, या समाज में संवेदनशीलता और न्याय की भावना जागृत करेंगे? इस पर गंभीर विचार करने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट: सूरज सिंह राजपूत,  संपादक बोलता शब्द