पिपरिया के आदित्य रघुवंशी ने आल इंडिया में 4 रैंक

*पिपरिया के आदित्य ,रघुवंशी ने GATE परीक्षा में लहराया परचम, आल इंडिया चौथी रैंक हासिल की*
नर्मदापुरम जिले के पिपरिया नगर के आदित्य रघुवंशी ने हाल ही में आयोजित GATE (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) परीक्षा में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। उन्होंने मानविकी (ह्यूमनिटीज) संकाय के मनोविज्ञान (साइकोलॉजी) विषय में 100 में से 87.67 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया रैंक में चौथा स्थान प्राप्त किया है। आदित्य की यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प का परिणाम है।
आदित्य की वर्तमान स्थिति और संघर्ष: आदित्य वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की उदयपुरा शाखा में कार्यरत हैं। उनके लिए यह सफलता और भी खास है क्योंकि उन्होंने नौकरी के साथ-साथ GATE परीक्षा की तैयारी की और इसे अपनी मेहनत से संभव कर दिखाया। आदित्य की यह उपलब्धि इस बात का प्रतीक है कि यदि व्यक्ति के पास लगन और सही दिशा में मेहनत हो, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
GATE परीक्षा और महत्व: GATE एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बैंगलोर और सात IITs द्वारा आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा विशेष रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त करने और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। GATE परीक्षा के परिणामस्वरूप, आदित्य ने एक मिसाल कायम की है, जो न सिर्फ पिपरिया बल्कि पूरे जिले के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
आदित्य का संदेश और प्रेरणा: आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और परिवार के अथाह समर्थन को दिया। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें, निरंतर प्रयास करते रहें और कभी भी संघर्ष से न भागें। उनका मानना है कि मेहनत और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
परिवार का योगदान: आदित्य के पिता का देहांत हो चुका है, लेकिन उनकी माता मंजू रघुवंशी, जो पिपरिया के नंदवाड़ा स्कूल में शिक्षिका हैं, ने अपने दोनों बेटों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए अपार संघर्ष किया। उनके संस्कार और मेहनत ने उनके दोनों बेटों को ऊंचे मुकाम तक पहुंचाया। आदित्य और उनके छोटे भाई आयुष रघुवंशी ने नवोदय विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और हमेशा अपने प्रयासों से यह सिद्ध किया कि समाजिक स्थिति से ऊपर उठकर भी कोई भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
समाज और जनप्रतिनिधियों का समर्थन: आदित्य की इस सफलता पर उनके परिवार, सहकर्मियों और रघुवंशी समाज में हर्ष का माहौल है। क्षेत्रीय सांसद दर्शन सिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद माया नारोलिया, क्षेत्रीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने आदित्य की सफलता को सराहा और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
आदित्य और आयुष रघुवंशी का संघर्ष: आदित्य और उनके छोटे भाई आयुष रघुवंशी ने हमेशा कठिनाइयों का सामना किया और उन्हें पार किया। आदित्य ने पहले फॉरेस्ट की नौकरी छोड़ी, फिर बैंक ऑफ इंडिया में काम किया, और अब भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत हैं। वहीं आयुष ने पुलिस की नौकरी और टीसी की नौकरी छोड़ी, और अब डाक विभाग में कार्यरत हैं। दोनों भाइयों ने लगातार तीन-तीन नौकरियां छोड़कर चौथी नौकरी प्राप्त की है, जो उनकी संघर्षशीलता और मेहनत का स्पष्ट प्रमाण है।
समाज के लिए प्रेरणा: आदित्य और आयुष रघुवंशी ने यह साबित कर दिया कि सामान्य वर्ग से होने के बावजूद, अगर व्यक्ति में मेहनत करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि सीमित संसाधनों में भी, परिश्रम और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है।
निष्कर्ष: आदित्य रघुवंशी की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि मन में एक ठान लिया जाए, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनका संघर्ष और समर्पण युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है कि कोई भी व्यक्ति अपनी मेहनत से अपने सपनों को साकार कर सकता है।